top of page

Education and Human Values

(शिक्षा एवम्‌ मानवीय मूल्य) 

Dr. (Mrs.) Anita Jaiswal

Assistant professor, Training Department

Acharya Narendra Dev Municipal Corporation Women's College, Kanpur,

Corresponding Author: anitajaiswal516@gmail.com

 

DOI: 10.52984/ijomrc2405

सारांश:

“मूल्य शिक्षा” समाज की आधारशिला है। समाज में जिस प्रकार की शिक्षा की व्यवस्था होगी, उसी प्रकार के समाज का निर्माण होगा। अत: इस बात का सदैव प्रयत्न किया गया है कि शिक्षा के उद्देश्य समाज के उद्देश्यों के अनुकूल हो। इसी बात को ध्यान में रखकर विभिन्न देशों के विभिन्न विचारकों ने विभिन्न कालो में मूल्य शिक्षा के विभिन्न उद्देश्यों पर बल दिया है। जैसे: प्राचीन भारत में मूल्य शिक्षा के नैतिक, सामाजिक और बौद्धिक उद्देश्यों पर बल दिया है। प्राचीन रोम में शिक्षा का उद्देश्य राज्य का कल्याण बताया गया। मध्यकालीन युरोप में शिक्षा का उद्देश्य मृत्यु के बाद के जीवन की तयारी करना था। आधुनिक यूरोप शिक्षा के इस उद्देश्य में विश्वास नहीं करता था आदर्शवादी समाज में शिक्षा का मुख्य लक्ष्य है- सार्वभौमिक मूल्यों और आदर्शों की प्राप्ति। क्योंकि वे मूल्य और आदर्श सार्वभौमिक होते हैं, इसीलिये आदर्श और उन्नत समाज में शिक्षा के उद्देश्य व्यक्तिगत या निश्चित न होकर ‘सामान्य’ या ‘सार्वभौमिक’ होते हैं।

crossref_edited_edited.jpg
doi.gif
internet archive.png

Publicado por :


Dr. Abhishek Srivastava,

Ward No. 6, Uttar Mohal, Robertsganj, Sonebhadra, UP (Índia)

Celular: + 91-9415921915, + 91-9928505343, + 91-8318036433

  • whatsapp
  • Facebook
  • Twitter

© Copyrights 2020, IJOMRC | Todos os direitos reservados

bottom of page