Journal international de la configuration de la recherche multidisciplinaire
DOI : 10.52984/ijomrc, (IIJIF) Facteur d'impact : 1,590, ISSN : 2582-8649
DOI: 10.52984/ijomrc,
Importance du tantra dans la perspective scientifique
(विद्वानों के दृष्टिकोण में तंत्र का महत्व)
Dr Garima
Professeur adjoint, Département de yoga,
Collège Féminin Sahu Ram Swaroop Bareilly
DOI : 10.52984/ijomrc1105
Abstrait:
संस्कृति रत्नों में एक ऐसा है जो में प्रचलित करने है| भ्रांतियों | ,यह में गूढ़ और है| का यह है करते हैं हम अनेक को हैं| हम सकारात्मक दृष्टिकोण लेकर चलते हैं तो यह कोई जादू टोना या अहित करने वाली क्रिया नहीं , बल्कि यह बहुत ही उच्च स्तरीय साधना है जो व्यक्ति के जीवन को सुव्यवस्थित करकी उनकी दैनिक समस्याओं से लेकर अनेक विषम परिस्थितियों में एक सहायक के रूप में में है, यदि साधक इन क्रियाओं का सदुपयोग करता है तो वह इन के द्वारा समाज के प्रत्येक व्यक्ति, वर्ग ,समूह आदि की सेवा कर सकता है, उनके दुख दूर कर सकता ,उन्हें रोग मुक्त कर सकता है, वास्तव में यह एक सरल और सुगम मार्ग है इसका अनुसरण करके व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को व्यवस्थित और उच्च स्तरीय व प्रभावशाली बना सकता है, साथ ही साथ वह सभी की सहायता भी कर सकता है, विद्वानों का मानना रहा है कि इस विद्या के द्वारा प्रकृति की शक्ति शक्ति उत्पन्न की हैं और उपभोग भी है| , क्रियाओं का और सही होगा |
: इस विषय में इतना ही कहा जा सकता है कि कोई भी क्षेत्र क्यों ना हो तंत्र से अछूता नहीं है क्योंकि लोक कल्याण से लेकर सिद्धि समृद्धि तक आत्मा से परमात्मा तक तंत्र का महत्व फैला हुआ है जो साधक जिस उद्देश्य को लेकर अपनी साधना साधना उसे है|
Mots clés : , मनवांछित फल