Revista internacional de configuración de investigación multidisciplinaria
DOI: 10.52984 / ijomrc, (IIJIF) Factor de impacto: 1.590, ISSN: 2582-8649
DOI: 10.52984/ijomrc,
Economic Partnership Agreement between India and Japan
(भारत और जापान के बीच आर्थिक साझेदारी समझौते)
Dr. Rajesh Maurya
Assistant Professor Economics,
Government Nehru College, Sabalgarh District Morena
Email-id:- dr.rajeshmourya1973@gmail.com
DOI: 10.52984/ijomrc4204
सार:-
सामान्य शब्दों में, आर्थिक साझेदारी समझौते, वह होते हैं, जिसमें दो या दो से, अधिक, देश बिना सीमा शुल्क या टेर्रिफ के, अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षी व्यापार को, संचालित करते हैं। यह समझौते, विशेष रूप से, एक कमजोर और दूसरी मजबूत अर्थव्यवस्था, के बीच होते हैं। आर्थिक साझेदारी समझौते, किसी भी देश की, अर्थव्यवस्था में, आर्थिक वृद्धि और विकास को, बढ़ावा देते हैं। यह समझौता, एक प्रकार से, कानूनी रूप से, बाध्यकारी समझौता होता है, जिसमें दोनों देश, हस्ताक्षर करके, व्यापार को, आरंभ करते हैं। इन समझौते की, शुरुआत, उसे समय हुई थी, जब यूरोपीय संघ ने, एसीपी (अफ्रीकन, कॅरीबीयन एवं पेसिफिक) देश, के साथ, मुक्त व्यापार की, परिकल्पना, के साथ, द्विपक्षीय व्यापार को, प्रोत्साहित किया जाता था।
एशिया महाद्वीप में, स्थित, दो देश, भारत- जापान के, बीच, एशियाई आर्थिक एकीकरण ,के लिए, एकजुट हुए हैं। हालांकि, यह एकीकरण, काफी रणनीतिक जटिलता, के माहौल में, विकसित हुए, लेकिन फिर भी, एशिया महाद्वीप की, दो आर्थिक शक्तियां, भारत- जापान आर्थिक एकीकरण, के लिए, तीव्र गति से उभरकर आई है। यदि हम, इन दोनों देशों, के बीच, आर्थिक संबंधों की, बात करें, तो यह पता चलता है कि, वर्ष 1958 से, भारत और जापान, के बीच, आर्थिक सहायता, के रूप में, यह संबंध कायम रहे हैं। लेकिन इन दोनों, देशों में, आर्थिक संबंधों या द्विपक्षीय व्यापार में, रफ्तार, उसे समय आई, जब भारत में, सन 1990-91 में, आर्थिक सुधार कार्यक्रमों, के तहत, वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण की, नीति अपनाई थी। तब से, भारत में, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, के रूप में, अनेक जापानी कंपनिया, मारुति, सुजुकी, पैनासोनिक आई और अपने पैर जमाने, शुरू कर दिए थे। लेकिन आर्थिक साझेदारी समझौते का, शुभारंभ फरवरी 2011 से, हुआ था, जिसके तहत, दोनों देशों, भारत- जापान ने, व्यापार बढ़ाया, विशेष रूप से, सीमा शुल्क या टेर्रिफ की, दरों को, कम या समाप्त करने का, निर्णय लिया और द्विपक्षीय व्यापार को, आरंभ किया था।
यह शोध पत्र, भारत और जापान, के बीच, आर्थिक साझेदारी समझौते, पर आधारित है। जिसमें हम, आर्थिक साझेदारी समझौता, क्या होता है?, को समझते हुए, यह जानने या समझने का, प्रयास करेंगे कि, भारत और जापान, के बीच, कौन-कौन सी आयत- निर्यात मदों पर, समझौता हुआ है और सीमा शुल्क या टेर्रिफ, की कौन-कौन सी, दरें निर्धारित की हैं? ।
मुख्य बिंदु:- आर्थिक संबंध, एशियाई आर्थिक एकीकरण, आयात, निर्यात, मदे।